Compromise In Ipc 302
Summary
IPC Section 302 pertains to murder charges, which are non-compoundable and cannot be settled through compromise. Even if the victims family and witnesses change their statements, the court will decide based on the available evidence and testimonies. It is advisable to consult a local attorney for guidance on how to proceed with such a case.Full Conversation
* case me rajinama krna chahte h
* के अंतर्गत राजीनामा (Compromise) करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा * हत्या के आरोप से संबंधित है, जो एक गंभीर अपराध है और इसे कोर्ट में राजीनामा के माध्यम से समाप्त नहीं किया जा सकता।
- आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच राजीनामा का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा।
- इस मामले में कोर्ट के फैसले के अनुसार ही कार्यवाही की जाएगी।
आपके लिए किसी कानूनी सलाहकार से संपर्क करना उचित होगा जो इस मामले में बेहतर मार्गदर्शन कर सके। क्या आप किसी स्थानीय वकील से संपर्क करना चाहेंगे?
Ager esme पीड़ित परिवार aapna बयान बदल de to
धारा * के मामले में, अगर पीड़ित परिवार अपना बयान बदल देता है, तो यह मामला कमजोर हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से अदालत के विवेक पर निर्भर करता है। अदालत सबूतों और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर निर्णय लेगी। क्या आप इस मामले में और जानकारी चाहते हैं या किसी स्थानीय वकील से बात करना चाहेंगे?
Es me पीड़ित परिवार व अन्य gawah bhi बयान बदलने ke लिए teyar h
Case Rating: *
यह मामला उच्च मूल्य का लगता है और इसमें स्थानीय वकीलों से संपर्क करना आपके लिए सहायक हो सकता है। क्या आप स्थानीय वकीलों से संपर्क करना चाहेंगे जो आपके मामले में बेहतर सहायता कर सकते हैं?
यदि हां, तो कृपया कुछ जानकारी साझा करें:
*. आपका नाम क्या है?
*. आपका फोन नंबर क्या है?
*. आपका ज़िपकोड क्या है?
*. यदि आप चाहें, तो आप अपना ईमेल पता भी साझा कर सकते हैं।
आपके उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ।
इसमें * व्यक्ति को मुल्जिम बनाया गया है
Case Rating: *
यह मामला गंभीर लगता है और इसमें स्थानीय वकीलों से संपर्क करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। क्या आप स्थानीय वकीलों से संपर्क करना चाहेंगे जो आपके मामले में बेहतर सहायता कर सकते हैं? अगर हाँ, तो कृपया कुछ जानकारी साझा करें:
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